Vinod Dubey

भदोही जिले के एक गावँ में जन्मे विनोद दूबे, पेशे से जहाज़ी और दिल से लेखक हैं |

पेशेवर क्षेत्र :

गदहिया गोल (आजकल का KG ) से १२वीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से करने के बाद मर्चेंट नेवी के पैसों की खुशबू इन्हे समुन्दर में कुदा गयी। आईआईटी – जेईई की रैंक के ज़रिये इन्हे भारत सरकार के इकलौते प्रशिक्षण पोत “टी. एस. चाणक्य” से मर्चेंट नेवी की ट्रेनिंग पूरी करने का अवसर मिला।  ट्रेनिंग में ” ऑल राउंड बेस्ट कैडेट” का खिताब मिला और नॉटिकल साइंस में स्नातक की डिग्री मिली।  उसके बाद जहाज की नौकरी में ये एक्सोनमोबिल जैसी फार्च्यून ५०० में स्थान प्राप्त मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करते रहे।  कैडेट से कैप्टेन बनने तक के १२ सालों के ख़ानाबदोश जहाजी सफर ( सभी महाद्वीपों में भ्रमण) ने इनके अनुभव के दायरे को विदेशों तक खींचा । कैप्टेन बनने के बाद ये फिलहाल सिंगापुर की एक शिपिंग कंपनी में प्रबंधक के पद पर नियुक्त हैं और इनका पारिवारिक घोंसला भी सिंगापुर की डाल पर है । सिंगापुर में रहते इन्होने कार्डिफ मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी ( यू.के. ) से MBA में गोल्ड मैडल हासिल किया और इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड शिपब्रोकर की मेम्बरशिप भी हासिल की। पढ़ाई -लिखाई का सिलसिला जारी है। 

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लेखकीय क्षेत्र :

उपन्यास: 

पहला हिंदी उपन्यास इंडियापा हिन्दयुग्म (ब्लू) द्वारा प्रकशित हुआ।  उपन्यास “इंडियापा” पाठकों में विशेष चर्चित रहा और अमेज़न पर कई दिनों तक बेस्ट सेलर बना रहा।  इसकी सफलता से प्रभावित हिन्दयुग्म प्रकाशन ने अगले संस्करण में इसे हिन्दयुग्म (ब्लू) से हिन्दयुग्म (रेड) में तब्दील किया। ऑडिबल पर इंडियापा का ऑडियो वर्जन और इसका अंगेज़ी अनुवाद भी आ चुका है । दूसरा उपन्यास “ओक्का – बोक्का ”  प्रवासी जीवन के ज़द्दोज़हद की कहानी है।  यह उपन्यास लोकभारती प्रकाशन ( राजकमल प्रकाशन समूह) द्वारा प्रकशित यह उपन्यास भी  चर्चित है।   

वीकेंड वाली कविता: 

कविता लेखन और वाचन में भी इनकी गहरी रूचि है और “वीकेंड वाली कविता” नामक यूटूब  चैनल इनके कविताओं की गुल्लक है। हर सप्ताहांत एक कविता लिखते हैं, जिसे यूटूब चैनल पर उपलब्ध कराते हैं। हर साल के ५२ हफ़्तों की ५२ कविताओं को लेकर फ्लाईड्रीम प्रकाशन ने काव्य संग्रह प्रकाशित करने की मंशा जताई।  इस सिलसिले में अब तक इनके काव्य संग्रह – वीकेंड वाली कविता (२०२२), जहाज़ी (२०२३), बेतरतीब (२०२४)  और गुल्लक (२०२५) किताब की शक्ल में भी लोगों तक पहुँच चुके हैं । इनकी कविताओं को भी भारत और सिंगापुर में काफी पसंद किया जा रहा है।  

वीकेंड वाली चर्चा: 

देश विदेश में हो रही साहित्यक गतिविधियों से सिंगापुर के साहित्य प्रेमियों को अवगत कराने के उद्देश्य से हर हफ्ते किसी कला प्रेमी से इंस्टाग्राम लाइव पर चर्चा करते हैं।  इन साक्षात्कारों से साहित्य और कला प्रेमियों को बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है।  

वीकेंड वाली चिट्ठी: 

अपने मन की बात चिठ्ठीनुमा अंदाज़ में हर हफ्ते ” वीकेंड वाली चिट्ठी ” के नाम से लिखते हैं।  इन चिठ्ठियों में जीवन के विभिन्न पहलुओं पर एक सार्थक और व्यक्तिगत विचार रखने की कोशिश करते हैं।  इसके ज़रिये पाठकों से सीधा संवाद बनता हुआ नज़र आता है।  

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लेखकीय उपलब्धियां :

✔ सिंगापुर में हिंदी के योगदान को लेकर HEP ( highly enriched personality) का पुरस्कार – ग्लोबल हिंदी फाउंडेशन द्वारा 

✔ सिंगापुर में हिंदी के योगदान को लेकर साहित्य सेवी सम्मान – संगम सिंगापुर द्वारा 

✔ प्रवासी साहित्यकार पुरस्कार – विश्वारंग भोपाल द्वारा  

✔ संगम सिंगापुर पत्रिका और अन्य प्रवासी पार्टिकाओं में इनकी कवितायेँ और यात्रा वृत्तांत छपते हैं।

✔ देश विदेश के लगभग १०० से अधिक कवि सम्मेलनों में हिस्सा लिया, जिसमे अशोक चक्रधर, लाक्षिकान्त वाजपेयी, इत्यादि मानिंद शामिल रहे ।  

✔ अनेक संस्थाओं से जुड़ाव और कवितायेँ प्रस्तुत की : सिंगापुर ( संगम, कविताई ) , नेदरलॅंड्स ( साँझा संसार ) , यू. के. ( वातायन ) 

✔ मीराबाई चानू पर इनकी लिखी कविता इंडियन हाई कमीशन ने उन्हें बधाई देने के लिए ट्वीट किया।