विनोद जी की कविताएँ बहुत सरल होती हैं और दिल को छू जाती हैं। विनोद जी हर शब्द बहुत सोच समझकर इस्तेमाल करते हैं इसलिए इनकी कविताएँ माँ की लोरी-सी मधुर लगती हैं। ये हमारी खुशनसीबी है कि यहाँ सिंगापुर में रहते हमें इस तरह की कविताएँ सुनने और पढ़ने को मिलती हैं। इनकी कविताओं के विषय हम सबसे जुड़े होते हैं और कई बार तो लगता है जैसे इन्होंने हमारे मन की बात कह दी हो।
काम्या पम्मानी
- Post author:Prince Singh
- Post published:June 28, 2025
- Post category:Pathak Samiksha
- Post comments:0 Comments