कैप्टन भूपेश गाँधी

जब से मैंने विनोद को जाना है और इनकी लेखन शैली को परिचित हुआ हूँ, तुरंत ही इनका प्रशंसक बन गया हूँ। इनके कहन में एक अत्यंत सरलता है, और गहरी से गहरी बात भी बहुत ही सरल शब्दों में कहने की क्षमता है। हर सन्दर्भ का मर्म समझकर जब ये अपनी रचनाओं में व्यक्त करते हैं, समस्त प्रसंग बखूबी समझ आ जाता है। मैंने इनके लिखे दोनों काव्य संग्रह पढ़े हैं अत्यंत आनंदित भी हुआ हूँ। इनकी अगली रचना का उत्सुकता से इंतजार रहेगा। मेरी और से विनोद को बहुत शुभकामनाएँ।

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