रूचि व आत्मन

विनोद की कविताएँ मन की बात बहुत ही सुंदर शब्दों में प्रस्तुत करती हैं। कई बार तो आश्चर्य होता है कि हम जो कुछ महसूस करते हैं, भला कैसे विनोद वही एहसास अपने शब्दों के मोतियों में पिरो लेते हैं। चाहे वह माँ और पिता के बारे में हो, दोस्ती और कॉलेज की यादों के बारे में, ज़िन्दगी के अकेलेपन, प्रतिस्पर्धा और संघर्षों की बात हो, यह सबकुछ बड़ी ख़ूबसूरती से बयान करती विनोद की कविताएँ दिल को छू जाती हैं। विनोद को उनकी हर कविता, हर किताब के लिए दिल से बधाई देते हुए आशा करते हैं कि हम अपने दिल की बातें उनके लेखन में यूँ ही वीकेंड पर सुनते रहेंगे।

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