08. Feb.2025

Dear X, फ़िज़ाओं में बसंत की आहट आ चली है। मैं अकेले घूमते हुए प्रकृति में बिखरे सौंदर्य को निरखता हूँ। पेड़ों पर खिले रंग बिरंगे गुच्छेदार फूल देखकर लगता…

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01.Feb.2025

Dear X, मैं यह खुशफ़हमी पाल लेना चाहता हूँ कि अब तुम्हे हर वीकेंड, मेरी इन चिट्ठियों की प्रतीक्षा रहा करती होगी। इन चिट्ठियों में , मैं ऐसी कई बातें…

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26.Jan.2025

Dear X, उम्मीद है कि मेरी वीकेंड वाली चिट्ठियाँ तुम तक पहुँच रही होंगी। यहाँ मौसम अच्छा है। बारिश है, हवाएं हैं, हरियाली है और न जाने कितना कुछ है…

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18. Jan. 2025

Dear X, मुझे बचपन से याद है कि भौतिक वस्तुएं कभी नहीं आकर्षित करती रही। वे हमेशा सिर्फ ज़रुरत भर की लगी। मिडिल क्लास परिवार में भौतिक वस्तुओं के प्रति…

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11. Jan. 2025

Dear X, एक और साल गुज़र गया। अच्छा-बुरा जैसा भी था, गुज़र गया। साल दर साल बस एक ही बात पुख्ता होती जा रही है कि सबकुछ गुज़र जाता है।…

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04. Jan. 2025

Dear X,हम सबका एक समय होता है और हम सब उस समय में कितने बुद्धिमान या सुंदर या शक्तिशाली होते हैं।  पर कमबख्त , समय की यह सिन्दूरी नदी हमेशा…

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