प्रेमलता त्रिपाठी
मैंने विनोद जी की रचनाएँ इनके जहाजी पुस्तक और सोशल मीडिया के माध्यम से पढ़ी। इनकी हर रचना दिल को छू जाती है क्योंकि उनमें जीवंतता होती है। ये सरल…
मैंने विनोद जी की रचनाएँ इनके जहाजी पुस्तक और सोशल मीडिया के माध्यम से पढ़ी। इनकी हर रचना दिल को छू जाती है क्योंकि उनमें जीवंतता होती है। ये सरल…
जितनी सुंदर है इनकी भाषा शैली , उतनी ही मधुर है इनकी आवाज़, अल्प शब्दों में यह व्यक्त करते हैं , अपने भावों को पुष्ट करने का आग़ाज़, परंतु शब्द…
विनोद जी के लेखन में वास्तविकता की झलक दिखती है। इनकी कविताएँ सरलता के साथ गहरी बात कह जाती हैं। इनकी लिखी रचनाएँ पढ़ने के बाद लगता है मानो किसी…
विनोद जी की सरल भाषा की छेनी ने प्रवासी जीवन के उन अबोध अनकहे पहलुओं को तराशा है, जो शायद हर व्यक्ति महसूस तो करता है पर कभी व्यक्त नहीं…
विनोद जी की कविताएँ मैं काफ़ी समय से सुन रही हूँ। देश से दूर रहने के बावजूद जिस तरह से उन्होंने हमारी भाषा और संस्कृति को अपनी कविताओं के ज़रिए…
वीकेंड की यह सुबह। मेरे बैग में कुछ किताबें, एक कलम और कुछ कोरे पन्ने। सुबह की ताज़ी हवा, नींद में ऊंघते से पेड़ और ज़मीन की सोंधी खुशबू। पैदल…
डियर X, यह चिट्ठी लिखते हुए मैं एक बस यात्रा में हूँ। डबल डेकर बस में खिड़की के पास बैठा मैं सिंगापुर के इस खूबसूरत लैंडस्केप को देखता हूँ। मन…
डिअर X, सिंगापुर इतना सलीके से बसाया हुआ देश है, कि सड़कों, चौराहों, पार्कों, बाज़ारों, घरों को निहारते हुए — सब कुछ एक ही जैसे दिखते हैं।बस से चारों तरफ़…
डिअर X, मैं एक कॉफ़ी हाउस में बैठा हूँ। यह कॉफ़ी हाउस किसी बागीचे के बीचोबीच है। इस कॉफ़ी हाउस का यह नीरव कोना मुझे प्रिय है। यहाँ से लोग…
डिअर X, कुछ दुख ऐसे होते हैं जो उम्र भर साथ चलते हैं। समय भी उन्हें पूरी तरह नहीं सोख पाता। "जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है"—ये…