About the Book

पहाड़ी बारिश

सपनों की फ़ेहरिस्त में, मेरा एक ख़ास सपना है,

मुझे बारिशों के चंद रोज़, पहाड़ी रिसॉर्ट पर रहना है,

अदरक की चाय लिए, खिड़की की ओट से,

बूँदों के सिक्के निकालूँ, बादल की सफ़ेद कोट से,

फूलों की लापरवाह क्यारी में, कहीं चंपा और कहीं गुलाब हो,

मेज़ पर डायरी और कलम हो, पास निर्मल की कोई किताब हो,

रात में रोशन पहाड़ी पर, सिर्फ जुगनू ही पहरेदार हों,

रात भर भीगते और ऊँघते, पेड़ों में चीड़ – देवदार हों,

न फ़ोन हो ना फ़ोन की तस्वीरें, सोशल मीडिया पर मुस्तैद हों,

बस आँखों से ली कुछ तस्वीरें, जो आँखों के भीतर ही क़ैद हो,

पहाड़ों के विशाल सीने पर,  कोमल बारिश की फ़ुहार हो,

ऊबड़ खाबड़ यादों से परे, समतल विचारों का संसार हो,

प्रकृति मूक संवादों के पल में,  कुछ ऐसा मुझसे कह जायें,

मैं पहाड़ों से लौट चला आऊँ, पर पहाड़ी बारिश मुझमें रह जाये..

2. सहेजना

बचपन की मासूम आलमारी में ,

क्या-क्या सहेज कर रख आये,

वक्त की धूल चीज़ें मिटा गयीं,

हम देखने को भी नहीं जा पाये,

Product Details:

  • Publisher ‏ : ‎ FlyDreams Publications; First Edition (14 January 2025)
  • Paperback ‏ : ‎ 134 pages
  • ISBN-10 ‏ : ‎ 9391439578
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 978-9391439576
  • Item Weight ‏ : ‎ 120 g
  • Dimensions ‏ : ‎ 19.8 x 12.9 x 1.1 cm
  • Packer ‏ : ‎ FlyDreams Publications, Delhi – 110085 | +919660035345; +919461227155
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

Buy From Amazon

Interested in books in Singapore, Should just message Name & Address on this number