रुचि टंडन

विनोद की लेखनी सरल एवं स्पष्ट है। मैं क्लिष्ट हिंदी पढ़ने से घबराती हूँ, पर इनकी सारी कविताएं समझ जाती हूँ। इनके वीकेंड वाली कविताओं का संग्रह मेरे दिल के बहुत करीब है। जब पढ़ती हूँ ऐसा लगता है मानो मौसम से लेकर फैशन, चाय से लेकर पिज़्ज़ा, देश से लेकर विदेश, मायके से लेकर ससुराल और माँ की ममता से लेकर बच्चों के दुलार तक का सफर तय कर लिया हो। आने वाली किताब की अनेकों शुभ कामनाएं।

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